Thursday, March 27, 2008

चक दे का बुखार, कहाँ खो गया हॉकी ,,,,,,

शायद हम अगर आज के नौजवानों से पूछे की भारत का राष्ट्रीय खेल कौन सा है तो एक ही आवाज बड़े बुलंद स्वर मैं उठेगा टीम इंडिया यानि धोनी एंड कंपनी यहाँ इंडिया तो सुनायी देगा आपको मगर हमारा राष्ट्रीय खेल का नाम शायद ही युवा मानस पटल को छु ,यह विडंबना कुछ इस कदर हॉकी के साथ जुड़ गयी है की राष्ट्रीय खेल को लेकरबनी चक दे इंडिया ने जोरदार धूम मचाई जैसे की यह हमारा राष्ट्रीय गान हो मगर जिस विषय को लेकर यह फ़िल्म बनाई गयी वो विषय तो न जाने कब का विसर सा गया ,आज चक दे इंडिया क्रिकेट के ग्लेमर को और भी चकाचोंध कर रहा है ,चक दे के कबीर खान अपनी हिरोइन देपिका पदुकोने कई साथ क्रिकेट के गलियारों मैं तो नजर आते हैं मगर उनके पास न तो इतनी फुरसत है और ना उन्हे इसमे कोई ऐसा तत्व नज़र आता है जिसके सहारे वो अपनी हिट फिल्मो की लिस्ट मैं कोई और इजाफा कर सकें हाँ फायदा उन्हे नज़र आता है धोनी एंड कंपनी की टीम मैं जो उन्हे प्रसिध्ही भी दे सकती है और पैसा भी तभी तो उन्होने क्रिकेट के नए अवतार मैं काफी पैसा लगाया,यह किसी खेल को नीचा दिखाने का प्रयास नही है मगर शायद राष्ट्र से जुड़े राष्ट्रीय खेल की भी सुध लेने की जरुरत है क्यूंकि आज लोग हॉकी कई जादूगर ध्यानचंद का नाम भी भूल गए हैं जबकि वो अजय जडेजा को भी प्रेम से टीवी पर निहारते हैं जिनपर मैच फिक्सिंग का आरोप लग चुका है ,एक तरफ़ क्रिकेट के खिलाड़ी पांच सितारा होटल मैं ठहरते हैं वोहीं राष्ट्रीय खेल के रखवालों को धर्मशाला मैं ठहराया जाता है ,,यह किसी खेल के साथ सौतेला व्यव्हार का नमूना नही तो और क्या है?? कबीर खान ही नही हम सब को हॉकी के लिए चक दे इंडिया कहना होगा ,,सिर्फ़ हॉकी के नही यह राष्ट्रीय सम्मान की बात ,और एक कबीर खान नही बल्कि पुरी टीम कबीर खान हॉकी के स्वर्णिम काल को लौटा सकते हैं ,,हम मैं से आज कितने लोगों को पता है की हम ओलंपिक मैं कितनी बार हॉकी के खेल मैं स्वर्ण पदक पा चुके हैं?? हाँ मगर इतना जरुर याद है की सिर्फ़ एक बार क्रिकेट मैं विश्व विजेता बन पाएं हैं ......तो एक बार हॉकी के लिए भी बोल दें चक दे इंडिया............................

3 comments:

Unknown said...

Waha kya baat hai....hardik subhkamnaye.........

All the best keep writing will read some day

Love,
Prabir

Unknown said...

a very good initiative to bring awareness in people....
send the web site address to as many as u can....
someone might b able to do something.....
n yes i totally agree with what you have written...
CHAK DE......

Barinkumar said...
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