Monday, May 18, 2009

मोदी को गाली देने का मौका तो मिला ......

राजनीत मैं अगर आप अपने सिद्धातों को लेकर आगे बढ़ते हैं तो हार या जीत तो निश्चित है मगर इसका मतलब यह नहीं की आप विचलित हो जाएँ और अपने सिद्धांतों से भटक जाएँ ,,बीजेपी भी अपने सिद्धातों से भटकी और इसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा ,,पता नहीं क्यूँ आप लोग इसका टोकरा नरेन्द्र मोदी और वरुण गाँधी कई सर फोड़ रहें हैं??वरुण की भाषा गलत हो सकती है बेसक मगर वो येही मुद्दे है जो हिंदुत्व कई प्रचार और एकता के लिए कार्यरत संघ जुटी हुए है ,,इस देश की राजनीत दो तरह से विभाजित हो गए है सेकुलर और नॉन सेकुलर ,,अप्प लोगों नै किस बिनाह पर लालू ,मुलायम,मायावती,शरद यादव जैसे नेताओं को सेकुलर का तमगा पहना दिया ??इन लोगों ने हमेशा से नफरत की राजनीती ही की है,,और बीजेपी कई साथ ऐसा तो होना ही था क्यूंकि यह बीजेपी सिर्फ भगवा कांग्रेस बनकर रह गए है इस पार्टी नै सत्ता के लिए सिद्धांतों से समझोता किया ,,बीजेपी की हार की नींव उसी दिन पद गए थी जब सत्ता के मोह मैं उसने अपने मनिफेस्तो को दरकिनार कर अवसरवाद की राजनीत शुरू कर दी ,उसमे एक ईंट और जुड़ गयी जब रास्त्रवाद की बात करने वाली पार्टी कंधार मैं जाकर देश का मजाक बना कर आये थी ,,अडवाणी जी ने अपनी हार की शुरुआत उसी दिन कर दी थी जब उन्होंने जिन्न्हा की दरगह पर आंसू गिराए थे ,,उत्तर प्रदेश से राजनाथ सिंह ने कब का अपना नाता तोड़ लिया था ,,तो फिर देश की जनता इतना बेवकूफ तो नहीं है की बीजेपी के दोगलेपन को बर्दास्त करती ,,इसे मौका मत बनाईये हिंदुत्व की राजनीत को गाली देने का यह हिंदुत्व की नहीं बीजेपी के दोगलेपन की हार है ,,जनता को अंगूठा दिखने वालों की हार है ,,सेकुलरिस्म की बात करने वालों की भी हार है ,इसलिए तो लालू जैसे नेताओं को अब ब्लाच्क्मैलिंग का मौका नहीं मिलेगा ,,इसलिए सेकुलरिस्म का झुटा दंभ मत भरिये क्यूंकि जनता किसी को नहीं छोड़ती .........

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